न कामना, न कर्त्तव्य बस कल्याण || आचार्य प्रशांत (2023)

2024-01-08 2

वीडियो जानकारी: 10.08.2023, अष्टावक्र संहिता, गोवा

प्रसंग:
~ जब आपको जगत से कोई प्रयोजन नहीं रह जाता, तब आप जगत के लिए कल्याणकारी अमृत हो जाते हो।
~ कौन अपना है और कौन पराया है?
~ जगत का हितैषी कौन हो सकता है?
~ कामनारहित कर्त्तव्य क्या है?

संगीत: मिलिंद दाते
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